लोगों को पब्लिक स्पेस में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों की उपस्थिति का आदी बनाना होगा.
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उन्होंने कहा, '' मैं अपने बेटे को अपनी प्रसिध्द के साये में जीने का आदी बनाना नहीं चाहती हूं।
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फिर उन्हें इस का आदी बनाना कि वह तुम्हरे किसी कारनामे के बगैर तुम्हारी तअरीफ़ कर के तुम्हें खुश न करें क्यों कि ज़ियादा मद्ह सराई (प्रशंसा) गुरूर पैदा करती है, और सरकशी (विद्रोह) की मंजिल से क़रीब कर देती है।